केंद्रीय बजट 2025 से क्या हैं उम्मीदें?
वित्त मंत्री 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी और इस बजट से पूरे देश को बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार का प्रमुख फोकस राजकोषीय घाटे को कम करने, निवेश को बढ़ावा देने, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता मांग बढ़ाने पर हो सकता है। आइए जानते हैं प्रमुख सुधारों की संभावनाएं।
1. पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की संभावना
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, सरकार निवेश बढ़ाने के लिए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) को बढ़ा सकती है, जो 11 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह खर्च विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए होगा।
2. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) का विस्तार
सरकार की Production Linked Incentive (PLI) योजना के तहत छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इससे औद्योगिक उत्पादन और रोजगार सृजन को गति मिलेगी।
3. सब्सिडी युक्तिकरण की आवश्यकता
सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सब्सिडी वितरण में सुधार कर सकती है। इसका उद्देश्य जरूरतमंद क्षेत्रों में ही सब्सिडी का सही उपयोग सुनिश्चित करना और सरकारी खजाने पर दबाव कम करना होगा।
4. इनकम टैक्स में छूट की संभावना
बढ़ती मुद्रास्फीति और घरेलू खपत में सुधार के लिए सरकार इनकम टैक्स स्लैब में राहत देने पर विचार कर सकती है। इससे मध्यम वर्ग की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी और घरेलू खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।
5. बैंकिंग सेक्टर में टैक्स सुधार
- बैंक जमा ब्याज पर करों में राहत की जरूरत है ताकि अधिक लोग बैंकिंग सिस्टम में निवेश करें।
- सरकार बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिए अनुकूल कर सुधार ला सकती है, जिससे बैंकों की स्थिरता बढ़ेगी।
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट 2025 में सरकार के सामने कई चुनौतियाँ और अवसर हैं। इस बजट में आर्थिक सुधारों, निवेश बढ़ाने, रोजगार सृजन और वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता दी जा सकती है। सभी निवेशकों और करदाताओं की नजरें वित्त मंत्री की घोषणाओं पर टिकी होंगी।