Union Budget 2025 टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें
यूनियन बजट 2025 को लेकर मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर उन लोगों को जिनकी सालाना इनकम 15-20 लाख रुपये के बीच है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इनकम टैक्स में कटौती कर कंजम्प्शन बढ़ाने और इकोनॉमी को मजबूती देने पर विचार कर रही है।
इनकम टैक्स कटौती की संभावनाएं
वर्तमान टैक्स दरें
- नई और पुरानी टैक्स रीजीम
- 10-15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है।
- इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि मिडिल क्लास के लिए टैक्स घटाने से व्यय क्षमता बढ़ेगी और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नई इनकम टैक्स रीजीम आसान और आकर्षक
2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई इनकम टैक्स रीजीम को लागू किया था, जिसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना था।
नई रीजीम के फायदे
- सरल नियम टैक्स फाइलिंग आसान बनती है।
- कम टैक्स रेट्स निवेश किए बिना सीधे छूट।
- कम पेपरवर्क दस्तावेजी औपचारिकताएं कम होती हैं।
चुनौतियां
- शुरू में टैक्सपेयर्स ने इसे कम अपनाया, लेकिन अब लगभग 72% करदाता नई रीजीम को अपना रहे हैं।
टैक्सपेयर्स डेटा कहां हो सकते हैं बदलाव?
5 लाख रुपये तक की इनकम
- 70% टैक्सपेयर्स की इनकम 5 लाख रुपये से कम है।
- वर्तमान में, इन्हें टैक्स से छूट प्राप्त है।
10 लाख रुपये तक की इनकम
- 88% टैक्सपेयर्स इस श्रेणी में आते हैं।
- इनकी इनकम पर वर्तमान टैक्स नियमों के तहत सीमित छूट है।
15 लाख रुपये तक की इनकम
- 94% टैक्सपेयर्स इसी कैटेगरी में आते हैं।
- सरकार इन पर विशेष ध्यान दे सकती है।
10-15 लाख इनकम वालों को राहत क्यों जरूरी है?
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महंगाई का असर
- मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु) में बढ़ती जीवन लागत से इस आय वर्ग पर आर्थिक दबाव बढ़ा है।
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सरकार का रेवेन्यू
- सबसे ज्यादा टैक्स रेवेन्यू इसी आय वर्ग से आता है।
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आर्थिक दबाव
- इस श्रेणी के लोग बढ़ती महंगाई, होम लोन ईएमआई, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च से जूझ रहे हैं।
संभावित समाधान
- 10 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री किया जा सकता है।
- 10-15 लाख रुपये की आय पर टैक्स घटाने का प्रस्ताव आ सकता है।
बजट 2025 में क्या हो सकता है बदलाव?
- स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
- मौजूदा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 करने की मांग।
- नए स्लैब
- 10 लाख रुपये तक 0% टैक्स, 10-20 लाख पर 15% टैक्स।
- सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाने की संभावना
- वर्तमान ₹1.5 लाख की सीमा को बढ़ाकर ₹2.5 लाख किया जा सकता है।
निष्कर्ष
अगर यूनियन बजट 2025 में मिडिल क्लास खासकर 10-15 लाख रुपये इनकम वालों को राहत दी जाती है, तो यह न केवल टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि इससे व्यय क्षमता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। टैक्स नियमों को सरल बनाना और कर कटौती इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।