फैसला बैंकों से संबंधित

1 फरवरी को आ सकता है बड़ा फैसला बैंकों से संबंधित

1 फरवरी को आ सकता है बड़ा फैसला बैंकों से संबंधित

सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) को मजबूत करने और उनके प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए बजट 2025 में महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के आगामी बजट भाषण में बैंकों के पुनर्गठन, हिस्सेदारी घटाने, और प्राइवेटाइजेशन को लेकर बड़े कदम उठाए जाने की संभावना है।

फैसला बैंकों से संबंधित

राष्ट्रीयकरण से प्राइवेटाइजेशन तक का सफर

  • 1969 और 1980 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया ताकि देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं बेहतर ढंग से पहुंचाई जा सकें।
  • वर्तमान में सरकार का उद्देश्य PSU बैंकों को प्राइवेट बैंकों की तरह अधिक स्वतंत्र और कुशल बनाना है।

PSU बैंकों में हिस्सेदारी घटाने की तैयारी

  1. 2021 के बजट में प्राइवेटाइजेशन का ऐलान

    • सरकार ने दो PSU बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान किया था।
    • हालांकि, अब तक इस दिशा में पूरी प्रगति नहीं हो पाई है।
  2. 12 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी

    • सरकार की 12 PSU बैंकों में 50% से अधिक हिस्सेदारी है।
    • इनमें से UCO Bank, Punjab and Sind Bank, Indian Overseas Bank, और Central Bank of India में सरकार की हिस्सेदारी 93-98% तक है।
    • आगामी बजट में इन बैंकों में हिस्सेदारी घटाने का ऐलान हो सकता है।

फैसला बैंकों से संबंधित

IDBI बैंक का अधूरा प्राइवेटाइजेशन

  • सरकार ने IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी थी।
  • हालांकि, यह प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन बजट 2025 में इस दिशा में तेजी लाने की उम्मीद है।

प्राइवेटाइजेशन क्यों जरूरी है?

1. कामकाज में सुधार

प्राइवेटाइजेशन से सरकारी बैंकों में बेहतर प्रबंधन, कार्यकुशलता, और मुनाफा बढ़ाने की संभावना होगी।

2. बैंकों पर दबाव कम करना

सरकारी बैंकों को अक्सर राजनीतिक हस्तक्षेप और ट्रेड यूनियनों के दबाव का सामना करना पड़ता है, जो उनकी प्रगति में बाधा बनते हैं।
प्राइवेटाइजेशन से बैंकों को स्वतंत्रता और अधिक लचीलेपन के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।

3. निवेशकों का भरोसा बढ़ाना

सरकारी बैंकों में निवेशकों का भरोसा कमजोर रहा है।
प्राइवेटाइजेशन से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे बैंकों में निवेश और बाजार मूल्यांकन में सुधार होगा।

बजट 2025 से संभावित घोषणाएं

  1. PSU बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाने की घोषणा
  2. बैंकों के पुनर्गठन के लिए नए प्रोग्राम
  3. IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन में तेजी लाने के उपाय
  4. बैंकों के प्रदर्शन सुधारने के लिए नए नीतिगत सुधार
  5. PSU बैंकों को डिजिटल युग के लिए तैयार करने के लिए निवेश

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