EPFO और EPF Account क्या होता है?
EPFO और EPF अकाउंट की मूलभूत जानकारी
EPFO यानी Employees’ Provident Fund Organisation भारत सरकार का एक संगठन है, जो कर्मचारियों के लिए EPF Account का संचालन करता है। इस खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों नियमित रूप से योगदान करते हैं। यह एक लॉन्ग-टर्म सेविंग्स स्कीम होती है, जिसका उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देना है।
EPF Withdrawal पर कम पैसा क्यों मिलता है?
अक्सर जब कर्मचारी EPF Passbook देखकर पैसा निकालते हैं, तो उन्हें दिखाई गई रकम से कम अमाउंट प्राप्त होता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं:
1. TDS कटौती का असर
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यदि आपने 5 साल की सर्विस पूरी नहीं की है और पैसा निकालते हैं, तो TDS (Tax Deducted at Source) काटा जाता है।
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अगर आपके पास PAN Card है, तो TDS की दर 10% होगी।
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लेकिन अगर PAN नहीं है, तो TDS की दर 34.608% तक हो सकती है।
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यदि निकासी राशि ₹50,000 से कम है, तो TDS नहीं काटा जाता।
2. पेंशन फंड और ट्रांसफर से जुड़ी समस्याएं
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EPF में जमा कुछ हिस्सा EPS (Employee Pension Scheme) में चला जाता है, जो निकासी योग्य नहीं होता।
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यदि आपने पुराना PF अकाउंट नए अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया है, तो बैलेंस कम दिखाई दे सकता है।
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कई बार तकनीकी कारणों से पासबुक में सही बैलेंस अपडेट नहीं होता।
नौकरी में रहते हुए EPF से पैसा निकालने की शर्तें
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यदि आप अभी भी नौकरी में हैं, तो आप पूरा पैसा नहीं निकाल सकते।
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आंशिक निकासी भी तभी संभव है जब कोई विशेष परिस्थिति जैसे मेडिकल इमरजेंसी, घर खरीदना, आदि हो।
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यदि आप बेरोजगार हो जाते हैं:
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पहले 75% EPF बैलेंस निकाल सकते हैं।
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और 2 महीने बाद बाकी का 25% भी निकाल सकते हैं।
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इन निकासी पर भी टैक्स कटौती लागू हो सकती है।
EPF से पैसा कैसे निकालें?
EPF Withdrawal करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
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EPF Passbook अपडेट होना चाहिए।
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Form-19, Form-10C और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स सही ढंग से भरें।
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आप निम्न माध्यमों से भी EPF बैलेंस चेक कर सकते हैं:
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UMANG App
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Missed Call
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SMS सेवा
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निष्कर्ष
EPF एक विश्वसनीय लॉन्ग-टर्म निवेश योजना है, लेकिन निकासी से पहले इसकी प्रक्रिया और टैक्स नियमों को समझना जरूरी है। यदि आप सही जानकारी और डॉक्यूमेंटेशन के साथ आवेदन करते हैं, तो आपको पैसा समय पर और अपेक्षित मात्रा में मिल सकता है।