सोना या चांदी कहां करें निवेश?
वर्तमान समय में सोना लगातार नए उच्चतम स्तर पर पहुंच रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका भाव 3,200 डॉलर प्रति औंस के करीब है, वहीं भारत में यह ₹90,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है। विशेषज्ञ अब अगला लक्ष्य ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम मान रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की राय है कि असली निवेश का अवसर चांदी में है।
2025 – चांदी के लिए निर्णायक वर्ष
कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 चांदी के लिए एक निर्णायक साल साबित हो सकता है। 2024 में भी चांदी ने सोने की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है, लेकिन इसके बावजूद निवेशकों का फोकस अभी भी मुख्यतः सोने पर बना हुआ है।
चांदी ने ₹1 लाख प्रति किलो का स्तर पार किया
हाल ही में चांदी ने ₹1,00,000 प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार किया था। हालांकि 4 अप्रैल को MCX पर चांदी फ्यूचर्स ₹1,821 की गिरावट के साथ ₹92,578 प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी। बाजार विश्लेषकों के अनुसार यह गिरावट एक अस्थायी ब्रेक हो सकती है और यह किसी बड़े उछाल से पहले की सुस्ती मानी जा रही है।
चांदी की मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड
कोटक महिंद्रा एएमसी के फंड मैनेजर सतीश डोंडापति के अनुसार, चांदी का उपयोग सोने की तुलना में कहीं अधिक इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में होता है – जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स। इन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते उत्पादन के चलते चांदी की मांग भी लगातार बढ़ रही है।
2024 में बेहतर रिटर्न चांदी बनाम सोना
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चांदी 2024 में लगभग 34% रिटर्न
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सोना 2024 में करीब 26% रिटर्न
गौरतलब है कि 2020 में भी चांदी ने लगभग 63% का रिटर्न दिया था, जो इसे लॉन्ग टर्म निवेश के लिए आकर्षक विकल्प बनाता है।
चांदी की आपूर्ति में कमी
2024 में चांदी की सप्लाई उसकी मांग के मुकाबले करीब 5,670 टन कम रही। अनुमान है कि 2025 में चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड 19,845 टन तक पहुंच सकती है। सप्लाई में गिरावट और डिमांड में तेजी के कारण चांदी की कीमतों में उछाल की संभावना बनी हुई है।
निवेशकों के लिए सलाह
सोने की ऊंची कीमतें निवेशकों को आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय में अगला बड़ा अवसर चांदी में छिपा है। इंडस्ट्रियल उपयोग, रिटर्न का ट्रैक रिकॉर्ड और सप्लाई-डिमांड गैप को देखते हुए चांदी एक मजबूत निवेश विकल्प बनकर उभर रहा है।