भारत-पाकिस्तान तनाव से शेयर बाजार पर असर?
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना है, जिससे बाजार की दिशा पर सीधा असर देखने को मिल रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में भी यह अस्थिरता बनी रह सकती है।
पिछले सप्ताह का बाजार प्रदर्शन
पिछले सप्ताह BSE Sensex और Nifty50 में लगभग 1 प्रतिशत की तेजी देखी गई।
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Nifty50 0.80 प्रतिशत बढ़कर 24,039.35 के स्तर पर बंद हुआ।
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BSE Sensex 79,212.53 के स्तर पर बंद हुआ।
हालांकि, India VIX में 11 प्रतिशत की वृद्धि से निवेशकों में बढ़ती घबराहट का संकेत मिला। यह साफ करता है कि बाजार में उतार-चढ़ाव की आशंका बरकरार है।
भू-राजनीतिक तनावों का ऐतिहासिक विश्लेषण
Brokerage फर्म Anand Rathi की रिपोर्ट के अनुसार, इतिहास गवाह है कि भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट कम ही देखने को मिली है।
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2001 के संसद हमले के समय, बाजार पर वैश्विक गिरावट (S&P 500 में 30% गिरावट) का गहरा प्रभाव था।
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औसतन, भू-राजनीतिक तनावों के दौरान भारतीय बाजारों में लगभग 7 प्रतिशत का करेक्शन देखने को मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर मौजूदा हालात और बिगड़ते भी हैं, तब भी Nifty50 में 5 से 10 प्रतिशत से अधिक गिरावट की संभावना कम है।
किन सेक्टर्स में दिख रही कमजोरी?
पहलगाम हमले के बाद कुछ सेक्टरों में दबाव बढ़ता नजर आया है।
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होटल स्टॉक्स टूरिज्म पर संभावित असर के चलते निवेशकों ने होटल कंपनियों के शेयरों में बिकवाली की।
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एविएशन स्टॉक्स यात्रा संबंधी गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव की आशंका से एविएशन कंपनियों के स्टॉक्स में कमजोरी आई है।
इन सेक्टरों में अगले कुछ हफ्तों में और दबाव रहने की संभावना है।
विदेशी निवेशकों (FPI) का मूड कैसा रहेगा?
Geojit Financial Services के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक, भारत ने हमेशा भू-राजनीतिक तनावों के समय अपनी मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के बल पर लचीलापन दिखाया है।
नायर के अनुसार
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निकट भविष्य में विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना सकते हैं।
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दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह बाजार में प्रवेश का एक अच्छा अवसर हो सकता है।
इसलिए लॉन्ग टर्म निवेशकों को डरने की बजाय सही सेक्टर्स में अवसर तलाशने चाहिए।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव ने शेयर बाजार में हलचल जरूर मचाई है, लेकिन ऐतिहासिक आंकड़े दिखाते हैं कि भारतीय बाजार लंबी अवधि में स्थिरता दिखाने में सक्षम हैं। होटल और एविएशन सेक्टरों में निकट अवधि में दबाव रह सकता है, जबकि मजबूत फंडामेंटल वाले सेक्टरों में गिरावट के दौरान खरीदारी का मौका हो सकता है।
सावधानी बरतें, सही स्टॉक्स चुनें और लॉन्ग टर्म पर्सपेक्टिव के साथ निवेश करते रहें।