भारत में राज्यवार युवा बेरोजगारी दर 

भारत में राज्यवार युवा बेरोजगारी दर कौन से राज्य सबसे आगे?

भारत में राज्यवार युवा बेरोजगारी दर 

यह रिपोर्ट भारत के 15 से 29 वर्ष के युवाओं में बेरोजगारी दर को दर्शाती है। इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के आंकड़े शामिल हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले राज्य

भारत में राज्यवार युवा बेरोजगारी दर 

भारत में कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में युवा बेरोजगारी दर अत्यधिक अधिक है। ये राज्य और क्षेत्र हैं:

1. लक्षद्वीप – 36.2% (भारत में सबसे अधिक)

  • नौकरियों के अवसर बेहद सीमित।

  • अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन और मछली पालन पर निर्भर।

2. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह – 33.6%

  • औद्योगिक और व्यावसायिक अवसरों की कमी।

  • सरकारी नौकरियों पर अत्यधिक निर्भरता।

3. केरल – 29.9%

  • शिक्षा का स्तर उच्च, लेकिन योग्य युवाओं के लिए नौकरियों की कमी।

  • विदेशों में काम करने की प्रवृत्ति, फिर भी राज्य में बेरोजगारी अधिक

4. नागालैंड – 27.4%

  • मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों पर निर्भरता।

  • निजी क्षेत्र और औद्योगिक अवसरों की कमी।

अन्य उच्च बेरोजगारी वाले राज्य (20% से अधिक बेरोजगारी)

भारत में राज्यवार युवा बेरोजगारी दर 

राज्य युवा बेरोजगारी दर (%)
मणिपुर 22.9%
लद्दाख 22.2%
असम 20.9%
गोवा 19.1%
पंजाब 18.8%

बेरोजगारी के मुख्य कारण
कृषि और पारंपरिक उद्योगों में अवसरों की कमी।
 निजी क्षेत्र का धीमा विकास।
 बड़े शहरों की ओर पलायन।

सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य

भारत के कुछ राज्यों में युवा बेरोजगारी दर बहुत कम है, जो यह दर्शाता है कि वहां रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। ये राज्य हैं:

1. मध्य प्रदेश – 2.6% (भारत में सबसे कम)

  • औद्योगिक विकास और सरकारी योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव।

2. गुजरात – 3.1%

  • व्यापार और उद्योग का मजबूत नेटवर्क।

  • सरकारी नीतियां उद्यमिता को बढ़ावा देती हैं।

3. दिल्ली – 4.6%

  • रोजगार के अधिक अवसर, खासकर आईटी, वित्त और प्रशासनिक क्षेत्रों में।

  • सरकारी और निजी नौकरियों में संतुलन।

मुख्य निष्कर्ष (Key Takeaways)

दक्षिण और उत्तर-पूर्वी भारत में बेरोजगारी अधिक है, खासकर केरल, नागालैंड, असम और मणिपुर में।
मध्य और पश्चिमी भारत में बेरोजगारी दर कम है, जैसे कि मध्य प्रदेश और गुजरात में।
बड़े शहरों में रोजगार के अवसर ज्यादा हैं, जिससे दिल्ली और अन्य महानगरों में बेरोजगारी कम है।
शिक्षा और रोजगार में असंतुलन कई राज्यों में बेरोजगारी का मुख्य कारण है।

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