अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ

अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ से भारतीय फार्मा सेक्टर पर खतरा?

अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ

2 अप्रैल 2025 से लागू होंगे नए टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल 2025 से भारत सहित अन्य देशों पर रिसिप्रोकल टैरिफ लागू होंगे।
इस खबर के बाद भारतीय फार्मा सेक्टर में भारी चिंता देखी जा रही है।

अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ

भारतीय फार्मा उद्योग पर असर

भारत का फार्मा सेक्टर अपनी सस्ती और उच्च-गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए प्रसिद्ध है।
अमेरिकी बाजार भारतीय दवाओं का सबसे बड़ा इंपोर्टर है।
 यदि रिसिप्रोकल टैरिफ लागू होता है, तो अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं।
 इससे डिमांड में गिरावट की आशंका है।

कितना बढ़ सकता है टैरिफ?

 वर्तमान में अमेरिका भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाता है।
 रिसिप्रोकल टैरिफ के बाद यह 25% या उससे अधिक हो सकता है।
 इससे भारतीय फार्मा कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा।

अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ

किन कंपनियों पर होगा असर?

सन फार्मा (Sun Pharma)
डॉ. रेड्डी (Dr. Reddy’s Laboratories)
सिप्ला (Cipla)
लुपिन (Lupin)

ये सभी कंपनियां अमेरिका को भारी मात्रा में दवाओं का निर्यात करती हैं, जिससे उनकी आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

अन्य सेक्टर्स भी होंगे प्रभावित

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को हर साल 7 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।
 नुकसान उठाने वाले सेक्टर्स

  • केमिकल्स
  • मेटल प्रोडक्ट्स
  • ज्वेलरी
  • ऑटोमोबाइल
  • फूड सेक्टर

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *