महिला दिवस 2025 महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
आज 8 मार्च को पूरा देश और दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं है, जहां महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। अब महिलाएं सिर्फ निवेशक (Investors) ही नहीं, बल्कि ट्रेडर्स, फंड मैनेजर्स और फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के रूप में भी अपनी जगह बना रही हैं।
शेयर बाजार में महिलाओं की हिस्सेदारी कितनी बढ़ी?
2015 में 6.8% महिलाएं निवेश कर रही थीं।
2025 में यह आंकड़ा 22% तक पहुंच चुका है!
SIP में योगदान 17% महिलाएं अब Systematic Investment Plan (SIP) के जरिए नियमित निवेश कर रही हैं।
महिलाएं क्यों आ रही हैं शेयर बाजार में?
फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस (Financial Independence) महिलाएं अब खुद की आर्थिक मजबूती के लिए निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं।
फाइनेंशियल एजुकेशन में वृद्धि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और कोर्सेस ने महिलाओं को ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सिखाने में मदद की है।
महिला फाइनेंशियल लीडर्स की प्रेरणा भारतीय बाजार में कई महिला फंड मैनेजर्स और लीडर्स सामने आई हैं, जिससे नए निवेशकों को प्रेरणा मिल रही है।
SIP और लॉन्ग-टर्म निवेश महिलाएं ज़्यादातर SIP और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट पसंद कर रही हैं, जो फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए फायदेमंद है।
महिलाओं के लिए शेयर बाजार में अवसर
इंट्राडे और लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग कई महिलाएं अब इंट्राडे और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट कर रही हैं।
स्टॉक मार्केट एनालिस्ट और फाइनेंशियल एडवाइजर महिलाएं इस सेक्टर में भी अपनी जगह बना रही हैं।
फंड मैनेजर और वेल्थ मैनेजमेंट कई महिलाएं अब म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में लीडरशिप रोल निभा रही हैं।
महिला सशक्तिकरण = आर्थिक सशक्तिकरण
जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होंगी, तो देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
महिलाओं की भागीदारी से भारतीय शेयर बाजार को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं।
निवेश और फाइनेंशियल लिटरेसी को बढ़ावा देना ज़रूरी है, ताकि हर महिला निवेश का सही फायदा उठा सके।